गत २६ सितम्बर को बिलासपुर में प्रेस क्लब की ओर से "Youth vision 2020" का कार्यक्रम रखा गया था. इसमें भाजपा और कांग्रेस दोनों की ही तरफ से लोगों को आमंत्रित किया गया था. इसी क्रम में यूथ कांग्रेस के नेता रोहित शर्मा जी को भी कार्यक्रम के एक दिन पहले दूरभाष पर बात करके विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था.
श्री रोहित शर्मा ने बहुत मेहनत कर और रिसर्च कर बिंदु इक्ट्ठे किये थे. अगले दिन कार्यक्रम स्थल पर जो हुआ उसने पूरे छत्तीसगढ़ को शर्म सार कर दिया .
भाजपा की तरफ से जितने लोग आये थे सबको भाषण देने दिया गया और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को एक एक करके पहले क्रम में नीचे किया गया और फिर सबके नाम काटने लग गए. रोहित जी का भी कार्यक्रम के प्रारंभ में पहला नंबर था जो की हर बार एक क्रम नीचे कर दिया जा रहा था और उनको झुटा भरोसा दिलाया जा रहा था की उनको बाद में बुलाया जायेगा. जब कार्यक्रम का अंत समीप आया तो रोहित जी ने उनको न बुलाये जाने का विरोध किया. इस पर उनका नाम पुकार कर उनको स्टेज पर बुलाया गया. जैसे ही रोहित जी स्टेज पर पहुंचे, उसी क्षण आयोजकों ने मुख्यमंत्री रमन सिंह का भी नाम पुकार लिया की रमन सिंह अब इस कार्यक्रम का समापन भाषण दे.

रोहित शर्मा जी ने उनके साथ इस तरह से किये जा रहे अपमान का स्टेज पर से कडा विरोध किया. उन्होंने कहा की वे प्रेस क्लब के न्योते पर आये हैं, अपनी बेइज्जती करवाने के लिए नहीं. उनको बोलने का हक है इसलिए उनको उनकी बात रखने का मौका मिलना चाहिए. इसपर मुख्यमंत्री के सुरक्षा कर्मियों ने रोहित जी को चारों तरफ से घेर लिया, उनके हाथ पकड़ लिए और मुख्यमंत्री के गनमैन ने अपनी बन्दूक तानते हुए, बन्दूक की नोक पर उनसे स्टेज से नीचे उतरने को कहा. इसके बाद मजबूरन रोहित शर्मा जी को बिना अपनी बात रखे स्टेज से नीचे उतरना पड़ा.

इस पूरे घटनाक्रम से एक बात साफ़ हो गयी है की भाजपा सरकार चुनाव को लेकर अत्यंत भयभीत है. सरकार को समझ में आ गया है की पिछले पांच वर्षों में उन्होंने प्रदेश का सिर्फ शोषण किया है. जनता के खून पसीने की कमाई से दिए गए कर को अपने विकास में उपयोग किया है. इस कार्यक्रम में भी मुख्यमंत्री को यह भय इस कदर सता रहा था की यदि कांग्रेस एवं अन्य संगठनों से आये युवाओं को बोलने का मौका दिया गया तो वे सरकार का कच्चा चिट्टा जनता के सामने खोल देंगे. इसलिए प्रदेश के मुख्यमंत्री ने योजनाबद्द तरीके से केवल भाजपाई युवाओं से भाषण दिलवाया और बाकी सभी युवा नेताओं को बुला कर उनकी इस तरह से उपेक्षा की. किसी भी प्रदेश के लिए इससे ज्यादा शर्म की बात और क्या हो सकती है .


वैसे यह पूरा घटनाक्रम होने के बाद कार्यक्रम में मौजूद जनता को भी सारा माजरा समझ में आ गया . रोहित शर्मा जी के स्टेज से उतरने के बाद, रोहित जी के समर्थन में और उनके साथ किये गए दुर्व्यवहार के विरोध में करीब १५०-२०० लोगों ने कार्यक्रम का बहिष्कार किया . एक मुख्यमंत्री के लिए इससे ज्यादा "embarrassing" क्षण क्या हो सकता है की जैसे ही वो अपना संबोधन शुरू करे, इतना बड़ी जनता का ग्रुप उसका बहिष्कार करे.
बहरहाल भाजपा को अब समझ में आ जाना चाहिए की वो इतनी आसानी से अब हमारे प्रदेश की जनता को बेवकूफ नहीं बना सकती. आने वाले चुनाव में जनता भाजपा सरकार को उसके द्वारा किये गए शोषण के लिए करार जवाब देगी .

1 comments:

36solutions said...

विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनांयें

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